Tuesday 22 March 2011

परमाणु ईंधन : भारत-अमेरिका में करार


भारत और अमेरिका ने भारत द्वारा अमेरिका के इस्तेमाल किए गए परमाणु ईंधन का पुनर्प्रसंस्करण करने के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे दोनों देशों के बीच हुए ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार को लागू करने का अंतिम चरण माना जा रहा है।इस समझौते के लागू होने के बाद प्रबंधों और प्रक्रियाओं के जरिये भारत अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किए गए परमाणु पदार्थों का पुनर्प्रसंस्करण करेगा। यह पुनर्प्रसंस्करण भारत द्वारा स्थापित संयंत्र में किया जाएगा और इस काम को अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी के सुरक्षा मानकों के तहत अंजाम दिया जाएगा।

समझौते पर अमेरिकी विदेश विभाग के मुख्यालय में अमेरिका के राजनीतिक मामलों के उप मंत्री बिल बर्न्‍स और अमेरिका में भारतीय राजदूत मीरा शंकर ने हस्ताक्षर किए। विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ओमाबा के नेतृत्व में विचार-विमर्श के जरिये तय किए गए प्रबंध में ऐतिहासिक भारत अमेरिकी परमाणु सहयोग पहल को सफलतापूर्वक अंजाम देने की मजबूत प्रतिबद्धता झलकती है। यह समझौता अमेरिकी परमाणु ईंधन आपूर्तिकर्ताओं के लिए भारत के साथ कार्य करने की अनिवार्य शर्त थी। भारतीय दूतावास ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों और बढ़ते सहयोग को प्रदर्शित करता है। बयान में कहा कि इस समझौते के जरिये भारत आईएईए के सुरक्षा मानकों के तहत अमेरिका के परमाणु ईंधन का पुनर्प्रसंस्करण कर पाएगा और इससे अमेरिकी कंपनियों को भारत के तेजी से बढ़ रहे परमाणु उर्जा क्षेत्र में भागीदारी का अवसर मिल सकेगा। मीरा शंकर ने इस अवसर पर अपनी टिप्पणी में कहा कि इसके साथ ही हमने परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के मकसद से सहयोग के लिए किए गए हमारे द्विपक्षीय समझौते को लागू करने की दिशा में हमने एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय और अमेरिकी वार्ताकारों ने जो कठिन और कुशल कार्य किया है उसके चलते एक साल के निर्धारित समय से काफी पहले आपसी विचार विमर्श पूरा कर लिया गया। इससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच साथ में काम करने की आदत तेजी से बढ़ रही है। भारतीय राजदूत ने कहा कि आज हस्ताक्षर किया गया समझौता तथा कुछ दिन पहले नई दिल्ली में आतंकवाद निरोधक पहल भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंधों के मजबूत होने का परिचायक है। उन्होंने शांतिपूर्ण कार्यों के लिए परमाणु उर्जा के इस्तेमाल के मकसद से ऐतिहासिक द्विपक्षीय सहयोग-123 समझौते पर दो साल साल पहले दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत प्रावधान है कि आईएईए सुरक्षा मानकों के तहत भारतीय राष्ट्रीय सुविधा में अमेरिका की परमाणु सामग्री का पुनप्र्रसंस्करण किया जाएगा। (भाषा)
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